हड़प्पा सभ्यता की खुदाई से पृथ्वी में दबी मुहरें निकलीं, जो पत्थर, टेराकोटा और तांबे से बनी थीं। वो आयताकार, गोलाकार या बेलनाकार भी होती हैं।

हड़प्पा सभ्यता की खुदाई से पृथ्वी में दबी मुहरें निकलीं, जो पत्थर, टेराकोटा और तांबे से बनी थीं। वो आयताकार, गोलाकार या बेलनाकार भी होती हैं।

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दिव्यावदान बौद्ध अवधाना कथाओं की एक संस्कृत ग्रंथावली है, जो मूलसर्वादिदिन विनय ग्रंथों में उत्पन्न हुई है। ग्रंथावली में 38 अवधान शामिल हैं।

दिव्यावदान बौद्ध अवधाना कथाओं की एक संस्कृत ग्रंथावली है, जो मूलसर्वादिदिन विनय ग्रंथों में उत्पन्न हुई है। ग्रंथावली में 38 अवधान शामिल हैं।

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विष्णु शर्मा, भारतीय विद्वान और लेखक, को पंचतंत्र संग्रह का लेखक माना जाता है। यह किताब इतिहास में सबसे अधिक अनुवादित गैर-धार्मिक किताब है।

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संप्रति मौर्य वंश का एक सम्राट था। वह अशोक के अंधे बेटे, कुनाला का बेटा था। वह जैन धर्म का एक महान संरक्षक था। उन्होंने 53 वर्षों तक शासन किया

संप्रति मौर्य वंश का एक सम्राट था। वह अशोक के अंधे बेटे, कुनाला का बेटा था। वह जैन धर्म का एक महान संरक्षक था। उन्होंने 53 वर्षों तक शासन किया

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हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ मनुस्मृति में ब्रह्मवर्त को भारत में सरस्वती और द्रिषद्वती नदियों के बीच का क्षेत्र बताया गया है।

हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ मनुस्मृति में ब्रह्मवर्त को भारत में सरस्वती और द्रिषद्वती नदियों के बीच का क्षेत्र बताया गया है।

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गँवरीवाला दक्षिणी पंजाब, पाकिस्तान के चोलिस्तान रेगिस्तान में एक सिंधु घाटी सभ्यता स्थल है। यह सर ऑरेल स्टीन द्वारा खोजा गया था।

गँवरीवाला दक्षिणी पंजाब, पाकिस्तान के चोलिस्तान रेगिस्तान में एक सिंधु घाटी सभ्यता स्थल है। यह सर ऑरेल स्टीन द्वारा खोजा गया था।

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वैदिक साहित्य प्राचीन भारतीय इतिहास के सर्वश्रेष्ठ स्रोतों में से एक है। चार वेद हैं - ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद।

वैदिक साहित्य प्राचीन भारतीय इतिहास के सर्वश्रेष्ठ स्रोतों में से एक है। चार वेद हैं – ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद।

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Banabhatta was the court poet of King HArshavardhana

बाणभट्ट भारत में 7 वीं शताब्दी राजा हर्षवर्धन के दरबार में एक संस्कृत गद्य लेखक और कवी थे। बाणभट्ट के प्रमुख कार्य – हर्षचरितम् और कादंबरी।

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वैदिक साहित्य से तात्पर्य उस पूर्ण साहित्य से है जिसमें वेद, ब्राह्मण, अरण्यक एवं उपनिषद् शामिल हैं

वैदिक साहित्य से तात्पर्य उस पूर्ण साहित्य से है जिसमें वेद, ब्राह्मण, अरण्यक एवं उपनिषद् शामिल हैं। वैदिक साहित्य को ‘श्रुति’ कहा जाता है।

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इतिहास एक कला है अथवा विज्ञान या इसे कला और विज्ञानं दोनों कह सकते है।

प्राचीन भारतीय इतिहास को जानने में साहित्यिक श्रोतो का बहुत योगदान होता है। साहित्यिक श्रोते भरोसेमंद तथा कारगर साबित होते है।

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